हसरतें आज भी खत लिखती हैं मुझे
पर मैं अब पुराने पते पर नहीं रहता।
अक्सर बिछड़ा हुआ कोई ढूंढता आता है मुझे
पर मैं अब उस दर्द के नुक्कड़ पर नहीं मिलता ।
वक्त ने कई घूमो से रूबरू कराया है
पर उस घडी से अब मेरा वक्त नहीं मिलता।
मैं हस्ते हुए इस आज में हूँ
मैं रोते हुए उस कल में नहीं रहता।
हर पन्ना एक नयी कहानी सुनाना चाहता है
मैं हर पैन पर ख़ुशी लिखना नहीं छोड़ता।
क्या करू के ज़िन्दगी आगे निकलने को कह रही है,
मैं आज कल ग़मो से मिलना जुलना नहीं रखता।
कई अर्ज़ियाँ हैं अनसुनी दिल की मेरे,
मैं अब उन अर्ज़ियों को अनसुना नहीं रखता।
हर पल में एक नया एहसास देना चाहता है,
मैं हर पल पर हसकर एहसान करना नहीं छोड़ता।
बुलंदियों को छूने का हुनर नहीं आता शायद मुझे,
पर मैं अब हारकर टुटा हुआ नहीं मिलता।
कइयों के दिलो में जगह बनाने निकला हूँ मैं तो ,
मैं किसी एक दिल में अब नहीं रहता।
- Kunal The Poet - Kunal Dhiren Patrawala
No comments:
Post a Comment