Wednesday, 29 April 2020

ज़िन्दगी उधार रखोगे।



नाम कुछ  यूँ  कर  जाऊँगा  के   मेरे  मरने  के  बाद  भी  मुझे  याद  रखोगे,
लौटा आऊं  मैं खेल में फिर खुदा से ये  फ़रियाद रखोगे। 

खूब सुनाओगे  किस्से  मेरे  तुम ,
मेरे कारनाम  की  हर  यादगार  रखोगे।  

खूब रो  लोगे  तुम  मुझे  मैदान  में  न  देख  कर, 
मेरे  जीने  के  अंदाज़  को  याद  कर  लेकिन  है  दोगे। 

जाऊँगा  तो  मैं  भी  ज़रूर  किसी  दिन  इस  दुनिया  से , 
लेकिन मेरे  हर  अंदाज़  से  तुम  थोड़ी  ज़िन्दगी  उधार  रखोगे। 
 
किसी दिन  अगर  हार  जाओ  ज़िन्दगी  से  या  थक  जाओ  लड़कर, 
लौट आना  मेरी  कब्र  पर  के उसके  बाद   हर  हार  को  हरा  रखोगे।  

वादा  है  मेरा  के  खाली  हाथ  छोड़कर  न  जाऊँगा  तुमको  ए  दोस्तों, 
मैं  तुम्हारे  ग़मो  को  साथ  ले  जाऊँगा  तुम  मेरी  हसी  अपने  पास  रखोगे।  

- Kunal The Poet - Kunal Dhiren Patrawala

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ज़िन्दगी उधार रखोगे।

नाम कुछ  यूँ  कर  जाऊँगा  के   मेरे  मरने  के  बाद  भी  मुझे  याद  रखोगे, लौटा आऊं  मैं खेल में फिर खुदा से ये  फ़रियाद रखोगे।  खू...